दहिया राजपूत

दहिया राजपूत (क्षत्रिय) * 🚩 जय माँ कैवाय 🚩 * * 🚩 जय महाराजा राणा चच्चदेव सिंह दहिया 🚩 * *क्षत्रिय दहिया राजवंश जो कि ऋषि वंश की 12 शाखाओं में से प्रमुख दधिचिक वंश दहिया समाज है ,जो कि भारतवर्ष के सम्पूर्ण राज्यों में निवास रत है,क्षेत्रीय अनुसार कई सरनेमों का प्रचलन है क्रमानुसार : दहिया,दहियावत,दहियक(राजस्थान ),(दहिया जाट ,हरियाणा,पंजाब),दाहिया,दहायत(मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़,उत्तरप्रदेश ) ,दहात, दहैत ,दाहत (अन्य राज्यों में ) आदि।* दहिया समाज के गौरव को दर्शाती एक प्राचीन किवन्दती (राजस्थानी कहावत ) प्रचलित है कि- "चार मे सियो, जात मे दहिया। रण मे भोमिया,कटै न अटकै।।" ''अर्थात् चारे मे सियो (स्थानीय भाषा मे एक घास का नाम), जाति मे दहिया, रण अर्थात् लडाई मे भोमिया कही भी कभी भी नही अटकते है या पीछे नही खिचकते है।'' नोट -: नई पीढ़ी के लिए (सम्पूर्ण भारतवर्ष के सभी राज्यों के लिए ) '' जो अपने समाज के लोग दाहिया ,दहायत, दहियावत ,दहियक, दहात, दहैत लिखते हैं, 'उन सब को सूचित कर रहा हूँ कि वो आने वाली नई पीढ़ी में बदलाव लायें, उनके समस्त दस्तावेजों ज...